गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
देह कहीं नहीं / चंद्र रेखा ढडवाल
1 byte removed
,
01:36, 11 मार्च 2011
औरतों की मन-पींगों के
श्रम में
विश्राम
में
कहीं नहीं
होती देह
.
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
Mover, Uploader
4,005
edits