Changes

अवसाद-3 / गगन गिल

7 bytes added, 16:50, 13 मार्च 2011
अभी से
बना ली है
उसने अपनि अपनी जगह
इस जगह
लगने से पहले
निगलने से पहले
 
बूझो क्या ?
 
1994
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,637
edits