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दोहावली / तुलसीदास / पृष्ठ 24
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07:27, 14 मार्च 2011
तुलसी तनु सर सुख जलज भुज रूज गज बरजोर।
दलत दयानिधि देखिये कपि केसरी किसोर।234।
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(गोस्वामी जी की बाँह मे रोग हो गया था जो
श्री हनुमान जी की स्तुति से अच्छाा हो गया ।
यह दोहे उसी प्रसंग के कहे जाते हैं।)
'''
भुुज तरू कोटर रोग अहि बरबस कियो प्रवेस।
Dr. ashok shukla
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