गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
1 byte added
,
06:30, 18 मार्च 2011
आन लगी ऐसे फाग के ऊपर भूखन जान गँवाई॥
तुन्हें कछु लाज न आई।
(भारतेन्दु जी की रचना ‘मुशायरा’ से)
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,914
edits