{{KKGlobal}}
{{KKParichay
|चित्र=द्विजदेव.jpg |नाम=महाराज मानसिंह द्विजदेव
|उपनाम=द्विज, द्विजदेव
|जन्म=1830 30 दिसम्बर 1820
|जन्मस्थान=
|मृत्यु=1871 |कृतियाँ= शृंगार बत्तीसी, [[शृंगार-लतिका / द्विज | शृंगार-लतिका]], शृंगार चालीसी। चालीसी|विविध=पूरा नाम महाराज मानसिंह "द्वजदेव"। रीतिकाल के कवि |सम्पर्क=कवि। ब्रजभाषा के शृंगार रस के कवि।
|जीवनी=[[द्विज / परिचय]]
|अंग्रेज़ी नाम=Dwij, DvijDwijdev
}}
{{KKCatBrajBhashaRachnakaar}}====प्रतिनिधि संग्रह====* '''[[शृंगार-लतिका बत्तीसी / द्विज]]'''<sort order* '''[[शृंगार चालीसी / द्विज]]'''* '''[[शृंगारलतिकासौरभ / द्विज]]'''* '''[[अविमुक्तपंचदशी / द्विज]]'''* '''मान मयंक / द्विज'''====प्रतिनिधि रचनाएँ==="asc" class="ul">
* [[डारे कं मथनि, बिसारे कं घी कौ घडा / द्विज]]
* [[बोलि हारे कोकिल, बुलाई हारे केकीगन / द्विज]]
* [[कै बिधि कँचनगार सिंगार कै दीने बनाय अनूपम रंग के / द्विज]]
* [[मदमाती रसाल की डारन पै चढ़ि ऊँचे से बोल उचारती हैँ / द्विज]]
<* [[बाँके संकहीने राते कंज छबि छीने माते /sort>द्विज]]* [[भूले भूले भौंर बन भाँवरे भरैंगे चहूँ / द्विज]]* [[घहरि घहरि घन सघन चहुँधा घेरि / द्विज]]