Changes

चांद की कविता / मंगलेश डबराल

34 bytes added, 17:55, 1 अप्रैल 2011
|रचनाकार=मंगलेश डबराल
|संग्रह=हम जो देखते हैं / मंगलेश डबराल
}}{{KKAnthologyChand}} {{KKCatKavita}}
जैसे ही हम चांद की तरफ़ देखने को होते हैं कहीं पास से एक कुत्ते