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डुबकनी ( सानेट )/ ज़िया फ़तेहाबादी
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01:42, 7 अप्रैल 2011
:हिजाबात ए नज़र का सिलसिला तोड़ और आ भी जा
:मुझे इक बार अपना जलवा ए रंगीं दिखा भी जा
</poem>
Ravinder Kumar Soni
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