गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
राम नाम रस पीजे / भजन
20 bytes added
,
14:07, 13 अप्रैल 2011
{{KKBhajan
|रचनाकार=
}}
{{KKAnthologyRam
}}
राम नाम रस पीजे मनुवाँ राम नाम रस पीजै ।<br>
तज कुसंग सत्संग बैठ नित हरि चर्चा सुन लीजै ॥<br>
काम क्रोध मद लोभ मोह को बहा चित्त से दीजै ।<br>
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ताहिके रंग में भीजै ॥<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits