किसी रात को <br>
मेरी नींद आचानक उचट जाती है <br>
आंख आँख खुल जाती है <br>
मैं सोचने लगता हूँ कि <br>
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का <br>
वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण <br>
नरसंहार के समाचार सुनकर <br>
रात को कैसे सोये सोए होंगे? <br>क्या उन्हें एक क्षण के लिये लिए सही <br>
ये अनुभूति नहीं हुई कि <br>
उनके हाथों जो कुछ हुआ <br>