गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल / विद्यापति
37 bytes added
,
14:52, 18 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=विद्यापति
}} {{KKCatKavita}}
{{KKAnthologyKrushn
}}
कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल।<br>
चरन-चपल गति लोचन लेल।।<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits