गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कठण थयां रे माधव मथुरां जाई / मीराबाई
38 bytes added
,
15:37, 18 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=मीराबाई
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
कठण थयां रे माधव मथुरां जाई। कागळ न लख्यो कटकोरे॥ध्रु०॥
अहियाथकी हरी हवडां पधार्या। औद्धव साचे अटक्यारे॥१॥
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits