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क्या मालूम था?/ शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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20:21, 23 अप्रैल 2011
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क्या मालूम था श्रम के हाथों
रूखी-सूखी रोटी होगी
नंगे होंगे पाँव, बदन पर
अनिल जनविजय
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