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गोरख बाणी / गोरखनाथ

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नाथ बोले अमृत बाणी
वरिषेगी कंबली भीजैगा पाणी ।
गाडी पडरवा बांधिले शूंटा, चले दमामा बाजिलै ऊंटा ।
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