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राम-नाम-महिमा / तुलसीदास/ पृष्ठ 7
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11:25, 8 मई 2011
जानि कै जोरू करौ, परिनाम तुम्हैं पछितैहौ , पै मैं न भितैहौं।।
जानि कै जोरू करौ, परिनाम तुम्हैं पछितैहौ , पै मैं न भितैहौं।।
ब्राह्मन ज्यों उगिल्यो उरगारि, हौं त्यों हीं तिहारें हिएँ न हितैहौं।।
</poem>
Dr. ashok shukla
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