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छाया मत छूना / गिरिजाकुमार माथुर
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12:26, 12 मई 2011
क्या हुया जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
जो न मिला भूल उसे
कर तू भविष्य वरण,
छाया मत छूना
कर तू भविष्य वरण,
छाया मत छूना
मन
,
होगा दुख
दूना।
दूना मन
डा० जगदीश व्योम
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