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पीपल की छाँव / जगदीश व्योम
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07:35, 14 मई 2011
सृष्टि ने ये कैसा अभिशप्त बीज बोया
व्योम की व्यथा को निरख
इंदर्धनुष
इन्द्रधनुष
रोया
प्यासे को दे अंजुरी भर न पानी
भगीरथ का करें उपहास
डा० जगदीश व्योम
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