गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पत्थर / उमेश चौहान
1 byte removed
,
21:40, 21 मई 2011
पत्थर पर लकीरें खींचने का
भले ही उनसे वे
न बना पाएँ कोई /अर्थपूर्ण आकृति तथा बैठे
रहेें
रहें
बस पत्थर पर एक बेतरतीब सी खुरचन
छोड़कर।
छोड़कर ।
कुछ लोगों को नहीं भाती
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits