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राज बांच रहा / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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08:16, 27 मई 2011
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<poem>
'''
राज
राजा
बांच रहा,'''
अखबारेां में प्रगति राज्य की
राज
राजा
बांच रहा
चढ़ा शनीचर प्रजा शीश पर
नंगा नाच रहा
Shilendra
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