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कहीं नहीं..लौट तो आया हूँ पर पिछले दो दिन से आँख में कंजंक्टिवाइटिस से त्रस्त हूँ दो एक दिन और फिर वहीं मुस्तैदी...
 
कविता कोश टीम,
एक लंबे अंतराल के बाद फिर से सक्रिय होने लौटा हूँ...सबको राम राम...सम्यक या अनिल से निवेदन है कि भारतीय अंग्रेज़ी कविता में सुहास बोरकर का नाम जोड़ें..उनकी अंग्रेजी कविताएँ और उनके जनसत्ता में छपे अनुवाद यहाँ संग्रहीत करने की ज़िम्मेदारी में लेता हूँ।
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