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प्रदीप जिलवाने / परिचय

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फिलहाल म०प्र० ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण में नियुक्‍त।
 
संग्रहः पहला कविता संग्रह 'जहां भी हो जरा-सी सम्भावना' भारतीय ज्ञानपीठ से पुरस्कृत एवं शीघ्र प्रकाश्‍य
प्रकाशन :
'अकार', 'परिकथा', 'बया', 'वागर्थ', 'समकालीन भारतीय साहित्य', 'प्रगतिशील वसुधा', 'कथादेश', 'समावर्तन', 'कल के लिए', 'मधुमति' इत्यादि प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। स्थानीय पत्रों में आलेख प्रकाशित। कुछेक कहानियां भी प्रकाशित.
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