Changes

<poem>
ओ नये नाथ सुण मेरी बातियाबात, या चन्द्र्किरण जोगी तनै तन-मन-धन तै चाव्है सै!
नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !!
27
edits