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ओ नये नाथ सुण मेरी बात / हरियाणवी
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16:14, 19 जून 2011
ओ नये नाथ सुण मेरी बात,
या
चन्द्र्किरण
चन्द्रकिरण
जोगी तनै तन-मन-धन तै चाव्है सै!
नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !!
Rajeev090
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