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हम उनको अपना बना लें, कभी वो खेल तो हो / गुलाब खंडेलवाल
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21:03, 24 जून 2011
पलटता कौन है देखें लगा के मन का दाँव
हंसी
हँसी
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हंसी
हँसी
में कभी आँसुओं का खेल तो हो
चलेंगे साथ न मिलकर, ये जानते हैं मगर
Vibhajhalani
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