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हरदम किसी की याद में जलते रहे हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
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21:17, 24 जून 2011
<poem>
हरदम
किसी की
किसीकी
याद में जलते रहे हैं हम
करवट ही ज़िन्दगी में बदलते रहे हैं हम
Vibhajhalani
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