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कितने दिए बुझाये होंगे / गुलाब खंडेलवाल
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19:12, 30 जून 2011
कल ये बोल पराये होंगे
साज
साज़
सभी ने छेडा, लेकिन
सुर में हमीं रह पाये होंगे
इतने लाल गुलाब कहाँ थे!
तुमने नयन मिलाये होंगे
<poem>
Vibhajhalani
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