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किस अदा से वो मेरे दिल में उतर आता है! / गुलाब खंडेलवाल
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19:14, 30 जून 2011
एक इस राह में ऐसा भी शहर आता है
खुद
ख़ुद
ही माना कि फँसे दौड़के काँटों में गुलाबकुछ तो
इल्जाम
इल्ज़ाम
मगर आपके सर आता है
<poem>
Vibhajhalani
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