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नज़र अब उनसे मिलाने की बात कौन करे / गुलाब खंडेलवाल
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04:36, 2 जुलाई 2011
नज़र अब उनसे मिलाने की बात कौन करे!
खुद
ख़ुद
अपने घर को लुटाने की बात कौन करे!
लिया था नाम ही चलने का, भर आयी आँखें
Vibhajhalani
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