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हो न मुश्किल ये तड़पना मगर आसान नहीं / गुलाब खंडेलवाल
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16:09, 2 जुलाई 2011
एक आँखों का हो सपना मगर आसान नहीं
यों तो राही हैं सभी एक ही
मंजिल
मंज़िल
के, गुलाब!
तेरा इस भीड़ में खपना मगर आसान नहीं
<poem>
Vibhajhalani
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