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लीजिये बढ़के अपनी बाँहों में / गुलाब खंडेलवाल
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16:17, 2 जुलाई 2011
वह किसी फूल में नहीं देखी
जैसी
खुशबू
ख़ुशबू
थी उन निगाहों में
कुछ तो इस दिल ने कह दिया था उन्हें
कल सितारों की नर्म छाँहों में
वे
ख्यालों
ख़यालों
में ही मिलें तो कभी
है अँधेरा इन ऐशगाहों में!
Vibhajhalani
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