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लगा कि अब तेरी बाँहों में कोई और भी है / गुलाब खंडेलवाल
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16:19, 2 जुलाई 2011
शरीक दिल के गुनाहों में कोई और भी है
खबर
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किसे है, हवाओं के मन में क्या है, गुलाब!
छिपा बहार की छाँहों में कोई और भी है
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Vibhajhalani
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