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बैलगाड़ी / भारतेन्दु मिश्र
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02:53, 5 जुलाई 2011
राह के अभ्यस्त
दोनो
दोनों
बैल आगे बढ़ रहे हैं
वृक्ष पर बैठे परिन्दे
ग़र्म ख़बरें पढ़ रहे हैं
डा० जगदीश व्योम
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