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* [[मत कहो, आकाश में कुहरा घना है/ दुष्यंत कुमार]]* [[बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं/ दुष्यंत कुमार]]* [[एक आशीर्वाद/ दुष्यंत कुमार]]* [[हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए/ दुष्यंत कुमार]]* [[इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है/ दुष्यंत कुमार]]