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चैन न आया दिल को घड़ी भर, हरदम वार पे वार हुए / गुलाब खंडेलवाल
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21:33, 6 जुलाई 2011
चैन न आया दिल को घड़ी भर, हरदम वार पे वार हुए
आपने प्यार का खेल किया हो, हम तो बहुत
बेजार
बेज़ार
हुए
तीर तो थे तरकश में हज़ारों, चल भी गए कुछ चल न सके
Vibhajhalani
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