Changes

राख / कविता वाचक्नवी

50 bytes added, 11:44, 7 जुलाई 2011
पाठ सुधार
|रचनाकार=कविता वाचक्नवी
}}
'''राख'''
 
 
राख
काली है
जलावन से बची है,
बुझ चुकी है,
किन्तु चिंगारी बचाकर
59
edits