गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
राख / कविता वाचक्नवी
50 bytes added
,
11:44, 7 जुलाई 2011
पाठ सुधार
|रचनाकार=कविता वाचक्नवी
}}
'''राख'''
राख
काली है
जलावन से बची है
,
बुझ चुकी है,
किन्तु चिंगारी बचाकर
Kvachaknavee
59
edits