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आओ कुछ देर गले लग लें ठहर के / गुलाब खंडेलवाल
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18:52, 8 जुलाई 2011
आये जो दोस्त, गए आहें भर-भर के
हमको तूफ़ान के
थपेडों
थपेड़ों
का डर क्या!
नाव यह रही है सदा बीच में भँवर के
Vibhajhalani
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