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दिल तो हमने ही लगाया है, आप चुप क्यों हैं / गुलाब खंडेलवाल
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20:04, 9 जुलाई 2011
दाँव यह हमने गँवाया है, आप चुप क्यों हैं!
लोग क्या-क्या नहीं कहते हैं,
हमको
हमें
दुनिया में
आपका नाम भी आया है, आप चुप क्यों हैं!
Vibhajhalani
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