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यों उड़ा है नशा जवानी का / गुलाब खंडेलवाल
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20:13, 9 जुलाई 2011
ख़ून से अपने लिख गए हैं जवाब
हम उन आँखों की
बेज़बानी
बेज़ुबानी
का
रात आया था लटें खोले कोई
Vibhajhalani
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