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यों न मिलने में शरमाइये / गुलाब खंडेलवाल
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20:18, 9 जुलाई 2011
प्यार आँखों से जतलाइये
जान
हाज़िर
हाजिर
है लेकिन,
हुज़ूर
हुजूर
!
अपनी सूरत तो दिखलाइये
Vibhajhalani
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