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हम खोज में उनकी रहते हैं, वे हमसे किनारा करते हैं / गुलाब खंडेलवाल
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20:23, 9 जुलाई 2011
फूलों में हँसा करते हैं कभी पत्तों में इशारा करते हैं
बिछडे
बिछुडे
हुए राही मिल न सके,
आखिर
आख़िर
हम भीड़ में खो ही गए
दिल उनको पुकारा करता है, हम दिल को पुकारा करते हैं
Vibhajhalani
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