Changes

कि अब सूरत भी मेरी मुझसे पहचानी नहीं जाती!
मुसाफिर मुसाफ़िर लौटकर आने का फिर वादा तो करता जाअगर कुछ और रुक जाने की जिद ज़िद मानी नहीं जाती
ये माना तू ही परदे से इशारे मुझको करता है
2,913
edits