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अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे! / गुलाब खंडेलवाल
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19:40, 13 जुलाई 2011
अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे!
बस उस
तरफ
तरफ़
के किनारे हैं नज़र के आगे
कोई कुछ भी ही कहे हमने तो यही देखा है
Vibhajhalani
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