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यों तो ख़ुशी के दौर भी होते है कम नहीं / गुलाब खंडेलवाल
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19:50, 13 जुलाई 2011
यों तो ख़ुशी के दौर भी होते है कम नहीं
ऐसा है कौन, दिल में
,
मगर
,
जिसके ग़म नहीं!
हम हैं कि जी रहे हैं हरेक झूठ को सच मान
कितना भी लोग प्यार से देखें गुलाब को
अब अपनी रंगों-बू का
है
उसको भरम नहीं
<poem>
Vibhajhalani
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