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प्रिय तुम तो सावन के प्रभात (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
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21:24, 13 जुलाई 2011
प्रिय तुम तो सावन के प्रभात
मैं बदली-सी मिलने आयी, साँसों में
ले के
लेकर
मलय वात
जीवन हरीतिमा पिक-कुहरित
बन बुद्धि चेतना-सूत्र गयी
गूँथती विश्व शत मनोजात
प्रिय तुम तो सावन के प्रभात
मैं बदली-सी मिलने आयी, साँसों में
ले के
लेकर
मलय वात
<poem>
Vibhajhalani
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