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'मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल
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21:01, 14 जुलाई 2011
ज्ञान और विज्ञान कौन वह जिससे विश्व विजित है?
मुझे सिंह की गहन गुफा में घुसकर लड़ना होगा
दह में
धँस कर
धँसकर
कालिय के मस्तक पर चढ़ना होगा
मुक्ति नहीं, पिँजरे में पक्षी कितना भी पर मारे
बिना युक्ति के राम न मिलते, कोई लाख पुकारे’
Vibhajhalani
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