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मैं भावों का राजकुमार / गुलाब खंडेलवाल
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20:55, 16 जुलाई 2011
<poem>
मैं भावों का राजकुमार. .
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जिधर देखता मैं वसंत बिछ जाता भू पर, उठती ऊपर दृष्टि
बाज सदृश जब, यह सारा संसार
Vibhajhalani
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