गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मेरी साँसों के स्पर्श से / गुलाब खंडेलवाल
No change in size
,
21:00, 16 जुलाई 2011
मेरी साँसों के स्पर्श से
किसी
कालिका
कलिका
के कपोल न सिहरें,
मेरे पाँवों की आहट भी
किसी फूल तक नहीं पहुँच सके;
मैं इस बाग़ से यों निकल जाऊँ
कि न तो किसी खग-शावक की नींद टूटे,
न कोई पत्ता
खडके
खड़के
.
<poem>
Vibhajhalani
2,913
edits