हेमेन्द्र जी,
बहुत बहुत धन्यवाद प्रत्युत्तर देने के लिए।आपका सुझाव बहुत अच्छा है कभी समय मिला तो नई रचनाएं जोड़ने का काम भी करूंगी जो अभी मुझे पता नहीं है सीखना पड़ेगा।वैसे संशोधन करने में ज्यादा समय लगता है।आप तो बहुत काम कर रहे हैं ...महिलाओं को घर भी देखना पड़ता है इसलिए समय कम मिलता है।एक बार पुन:आभार..
डा. रमा द्विवेदी--[[सदस्य:Ramadwivedi|Ramadwivedi]] १७:१८, ८ जुलाई २००७ (UTC)