{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= मासूम शायर}}[[Category:गज़ल]]<poem>उसकी सारी ये आदतें बच्चों -सी छोटी -छोटी बगावतेँ बच्चों सी मैने की थी इनायतें बच्चों सी अब तो सारी शिकायतें बच्चों सी
मैने की थी इनायतें बच्चों-सी
अब तो सारी शिकायतें बच्चों-सी
जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे
जो भी आयें मुसीबतें बच्चों-सी
जो भी आयें मुसीबतें बच्चों सी पैसा तो दे दिया खुदा ख़ुदा ने बहुत देदे दे दे फिर से वो राहतें बच्चों -सी
मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया
फिर भी सारी नसीहतें बच्चों -सी
आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की
जिनमे सारी बनावटें बच्चों-सी
जिनमे सारी बनावटें बच्चों सी नाम मासूम के हैं खिलोने खिलौने मेरे हैं ये सारी वसीहतें बच्चों -सी</poem>