गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तू ही नहीं अधीर / गुलाब खंडेलवाल
1 byte removed
,
20:12, 19 जुलाई 2011
पद गाये कबीर ने झीने
गीत बंग
-
कवि
रसभीने ने
ने रसभीने
मीरा सूर और तुलसी ने
हृदय रख दिया चीर
पर उनमें था श्रद्धा का बल
लक्ष्य नहीं
होता
होता
था ओझल
तू शंका, दुविधा में प्रतिपल
कैसे पाये तीर!
Vibhajhalani
2,913
edits