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गीत जा रहे गगन के पार / गुलाब खंडेलवाल
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20:20, 19 जुलाई 2011
उड़ते पंख पसार
दें
,
प्रभु
!
बस यह वर, मैं जाकर
इन्हें मना लाऊँ फिर भू पर
फिर नव राग, नये सुर में भर
Vibhajhalani
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